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ब्रिटिश शासनकाल में एक वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले तड़ाकताल में जलक्रीड़ा का आनंद उठाते थे अंग्रेज
चमोली।ब्रिटिश शासन काल में जिस तड़ाकताल का उपयोग जलक्रीड़ा के लिए किया जाता था वह आज उत्तराखंड सरकार की उपेक्षा के चलते पर्यटकों की नजरों से दूर है। अगर सरकार इस ताल का विकास करती है तो इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि देश विदेश के पर्यटक तड़ाकताल की खूबसूरती से भी रूबरू होंगे।
ताड़कताल चमोली जिले में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चमोली के निकट बिरही निजमूला संपर्क मोटर मार्ग पर पड़ता है। निजमूला तक सड़क सुविधा के बाद यहां से पांच किमी पैदल चलकर पर्यटक प्रकृति के इस बेनजीर नजारे का दीदार कर सकते हैं।तकरीबन एक किमी वर्ग क्षेत्रफल का यह ताल प्राकृतिक और बेहद खूबसूरत है।
दशोली विकासखंड की गौंणा ग्राम पंचायत स्थित तड़ाकताल में ब्रिटिश शासन काल में में अंग्रेज जलक्रीड़ा का आनंद लेते थे। इस ताल में उस दौरान नाव भी चलाई जाती थी। लेकिन देश आजाद होने के बाद इस खूबसूरत पर्यटन स्थल के विकास पर कोई गौर नहीं किया गया। प्रत्येक वर्ष इस ताल की खूबसूरती निहारने के लिए देशी विदेशी पर्यटक भी गिनी चुनी संख्या में यहां पहुंचते हैं। मगर सरकार द्वारा अभी तक इस ताल को पर्यटन के नक्शे पर स्थान न दिए जाने से देश विदेश के पर्यटकों की नजरों से तड़ाकताल ओझल है। स्थानीय निवासी आज भी इसताल का उपयोग जलक्रीड़ा के रूप में करते हैं। स्थानीय निवासी हुकम सिंह बर्तवाल का कहना है कि प्रशासन को कई बार इस ताल को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अगर सरकार ताल के विकास के लिए ठोस कदम उठाती है तो इससे न केवल पर्यटकों के लिए एक और खूबसूरत पर्यटन स्थल मिलेगा बल्कि पर्यटकों की आमद से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।