चमोली। केदारनाथ सैचुरी के बहाने लोगों को उजाड़ने की गाज आखिर डीएफओ पर ही गिर गई है। सरकार ने डीएएफओ का तबादला चकराता कर दिया है।
दरअसल रुद्रप्रयाग के डीएफओ अभिमन्यु केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ का भी अतिरिक्त पदभार सभाले हुए थे। केदारनाथ सेंचुरी के अधीन रुद्रनाथ पैदल मार्ग पर तमाम ढाबों और झोपड़ियों को डीएफओ ने उजाड़ दिया था। इस कारण केदारनाथ यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों को खाने पीने और रहने की दिक्कतें झेलनी पड़ रही थी। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर स्थानीय लोग होटल ढाबों के जरिए रोजगार चला रहे थे। उनके होटल ढाबे भी उजाड़ कर बेरोजगार करने में डीएफओ ने तनिक देरी भी नहीं की। हालांकि इस मामले में लोग विरोध करते रहे लेकिन डीएफओ ने किसी की एक न सुनी।
जिला मुख्यालय के समीप गंगोलगांव तथा सगर के ग्रामीण होटल ढाबों को उजाड़ने का गुस्सा सरकार पर निकालते रहे। इसी दौरान बदरीनाथ उप चुनाव के वक्त यहां पहुंचे वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सगर, गंगोलगांव तथा ग्वाड़ के ग्रामीणों को भरोसा दिया था कि डीएफओ का चुनाव निपटने के बाद तबादला कर दिया जाएगा। सरकार ने चुनाव निपटने के पश्चात रू द्रप्रयाग के डीएफओ अभिमन्यु को चकराता वन प्रभाग में तबादला कर दिया है। अब रू द्रप्रयाग के डीएफओ के पद पर कल्याणी की तैनाती की गई है। उन्हे केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
इस मामले में हकहकूकधारियों की ओर से केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत के नेतृत्व में आंदोलन भी चलता रहा। अब सरकार ने कड़े तेवर दिखाते हुए डीएफओ को
ही बदल दिया है।