संजय कुंवर
पीपलकोटी।बदरीनाथ हाईवे गडोरा गदेरे के पास भू-धंसाव होने से जानलेवा बना हुआ है। हाईवे पर तीन से चार मीटर सड़क ही सुरक्षित बची हुई है। समय रहते इसका जल्द ही उपचार नहीं किया गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
बदरीनाथ हाईवे पर चारधाम यात्रा के साथ आजकल कांवड़ यात्रा चरम सीमा पर है। वहीं बदरीनाथ हाईवे जगह – जगह भूस्खलन व भू-धंसाव से जानलेवा बनी हुई है, बावजूद नेशनल हाईवे द्वारा सुरक्षा के कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। चमोली – पीपलकोटी के मध्य गडोरा गदेरे के चढ़ाई पर विगत दो – तीन वर्षों से भू-धंसाव हो रहा है। एनएच द्वारा भू-धंसाव का दायरा बढ़ने पर पिछले वर्ष कुछ मकिंग डालकर उसे भर कर कामचलाऊ किया गया। भले इस वर्ष कुछ महीने पहले से एनएच द्वारा 50 मीटर नीचे गदेरे से इसका स्थाई इलाज की व्यवस्था तो की जा रही है, लेकिन यह कब तक बनेगा बन पायेगा यह निश्चित नहीं है। वहीं बारिश और भू-धंसाव से बदरीनाथ हाईवे की चौड़ाई सिमट कर रह गई है, जहां पर थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। समाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र हटवाल हटवाल ने बताया कि बदरीनाथ यात्रा के साथ कांवड़ यात्रा चरम पर है। वहीं बदरीनाथ हाईवे गडोरा के पास भू-धंसाव होने से जानलेवा बनी हुई है। शासन – प्रशासन को त्वरित संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे किसी तरह का हादसा न हो।