Read Time:2 Minute, 15 Second
चमोली।जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधि मण्डल 25 सितंबर को देहरादून में आपदा प्रबंधन सचिव से मुलाकात कर जोशीमठ आपदा से संबंधित उन सभी मुद्दों के शीघ्र हल के लिए वार्ता करेगा अप्रैल 2023 में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के साथ आन्दोलन के तहत सहमति बनी थी।
पूर्व में भी लगातार संघर्ष समिति विभिन्न माध्यमों से वार्ता आदि के जरिए, विभिन्न मंचों से जोशीमठ के सवालों को लगातार उठाती रही है । किन्तु अफसोस कि सरकार ने लगातार अभी तक इन सभी की उपेक्षा की है और पिछले डेढ साल में कोई कार्य इस पर नहीं हुआ है ।
अतुल सती ने कहा कि बरसात के बाद जोशीमठ की जड़ में नदी कटाव और नए भूस्खलन के पुनः सक्रीय होने से खतरा गम्भीर हुआ है । इसके अतरिक्त नगर के विभिन्न क्षेत्रों में चट्टानों के खिसकने से कई क्षेत्रों में खतरा बढ़ा है, सड़कों पर लगातार नए धंसाव के फलस्वरूप बड़े गड्ढे बन रहे हैं,जो भीतरी भूमि में कैविटी बनने का संकेत हैं और भविष्य के लिए ख़तरनाक हैं।
कमल रतूड़ी ने कहा कि जोशीमठ की आपदा की लड़ाई और जनता को न्याय दिलाने के संघर्ष को लेकर एक मुकाम तक पहुंचाने में संघर्ष समिति की बड़ी भूमिका रही है। जोशीमठ के सुरक्षित भविष्य और जनता को सम्पूर्ण न्याय के लिए आगे भी संघर्ष की अपनी ज़िम्मेदारी के तहत जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति लगातार संघर्षरत है । यदि सरकार से वार्ता में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलता तो संघर्ष समिति एक बार पुनः लम्बे आन्दोलन को संगठित करेगी।