मुख्यमंत्री ने दिया न्यौता तो उम्मीदों को लगेंगे
ग्राम प्रधान से मुख्यमंत्री की संवाद पहल ने बढ़ाई उम्मीदें
विकास का आदर्श मॉडल बन सकता है साराकोट गांव
देहरादून। हिमालय की गोद में बसे सारकोट गांव को लेकर अब उम्मीदें नई ऊंचाई छू रही हैं। अगर सब कुछ योजना के अनुरूप रहा तो आने वाले वर्षों में यह गांव विकास का आदर्श मॉडल बन सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गांव की नव निर्वाचित ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी से मोबाइल पर सीधा संवाद कर उन्हें शुभकामनाएं देने और देहरादून आमंत्रित करने की पहल ने ग्रामीणों में नई ऊर्जा का संचार कर दिया है।
चमोली जिले के गैरसैण विकासखंड की यह ग्राम पंचायत न केवल मुख्यमंत्री द्वारा गोद लिया गया गांव है, बल्कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस गांव ने प्रगतिशील सोच का परिचय भी दिया है। महज 21 वर्ष की युवा महिला प्रियंका नेगी को ग्राम प्रधान चुनकर गांव ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है।
मुख्यमंत्री धामी ने फोन पर ग्राम प्रधान प्रियंका से संवाद करते हुए गांव को आगे ले जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब वक्त है कि सारकोट को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाया जाए।
ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सीएम ने ग्राम प्रधान को देहरादून आमंत्रित कर यह भरोसा भी दिलाया कि सरकार गांव के साथ खड़ी है।
गांव के लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री की यह सीधी पहल न सिर्फ एक सांकेतिक संवाद है, बल्कि यह उस प्रतिबद्धता का संकेत है, जो राज्य सरकार गांवों को विकसित करने के लिए दिखा रही है। ग्राम प्रधान प्रियंका नेगी के लिए यह अवसर चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन वह इसे गांव के भविष्य को संवारने के एक बड़े अवसर के रूप में देख रही हैं।
मुख्यमंत्री की इस पहल से सारकोट गांव में आशाओं को नई उड़ान मिली है। अब देखना यह होगा कि इन उम्मीदों को जमीनी हकीकत में बदलने के लिए आने वाले दिनों में प्रशासन और तंत्र किस गति से काम करता है। यदि मंशा और कार्य दोनों समानांतर चले तो निसंदेह सारकोट उत्तराखंड के लिए एक आदर्श गांव की मिसाल बनकर उभरेगा।