जारी रहेगी निर्वाचन प्रक्रिया, छह नवंबर से होने हैं नामांकन
हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के साथ ही अन्य से मांगा जवाब
नैनीताल।हाई कोर्ट ने प्राथमिक सहकारी समितियों में अध्यक्ष पदों के लिए जारी महिला आरक्षण पर लगी अंतरिम रोक हटाते हुए राज्य सरकार सहित सहकारिता विभाग व सहकारिता चुनाव प्राधिकरण को शपथपत्र दाखिल कर जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने साफ किया है कि सहकारी समितियों की निर्वाचन प्रक्रिया जारी रहेगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व ‘न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में खटीमा निवासी प्रकाश सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई।
जिसमें सरकार की ओर से चार जुलाई 2024 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई। इस अधिसूचना में सहकारी समितियों के अध्यक्षों और प्रतिनिधि पदों पर महिला आरक्षण घोषित किया गया था। अधिसूचना के अनुसार 33 प्रतिशत पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया। इसी के तहत ऊधम सिंह नगर जिले की 35 सहकारी समितियों में से 12 समितियों के अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए। याचिकाकर्ता का कहना था कि यह सभी समितियां स्व वित्तपोषित हैं। ऐसे में सरकार का यह कदम गलत है। एक समिति में अध्यक्ष का एक पद होता है, उसे रक्षित नहीं किया जा सकता है। पूर्व में कोर्ट ने सहकारी समितियों में अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण पर रोक लगा दी थी।
खंडपीठ ने सहकारिता में डायरेक्टर के पद पर एक परिवार से एक ही डायरेक्टर चुने जाने तथा लगातार दो बार चुने गए प्रतिनिधियों के तीसरे टर्म में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के संशोधन को चुनौती देती याचिका पर सरकार को जवाब देने के निर्देश दिए हैं। इन याचिकाओं पर अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी।
प्राथमिक सहकारी समितियों के चुनाव को मतदान 21 नवंबर को होंगे। यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में 650 से अधिक प्राथमिक सहकारी समितियां हैं, जिसमें दस लाख से अधिक सदस्य हैं। अब कोर्ट के आदेश के बाद प्राथमिक सहकारी समितियों में चुनाव प्रक्रिया को लेकर असमंजस दूर हो गया है। इन समितियों के लिए नामांकन नवंबर से होने हैं।