रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोशीमठ-ढाक से 670 करोड लागत से निर्मित देश की 35 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का किया उद्घाटन

jantakikhabar
0 0
cropped-AAPNKHABAR-1.jpg
Read Time:4 Minute, 48 Second

बफर जोन नहीं, देश का चेहरा है सीमांत क्षेत्रः राजनाथ

रक्षा मंत्री ने कहा, पहाड़ों पर बुनियादी विकास के साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर तैनात की जा रही है सेना

चमोली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी स्वीकार किया है कि सीमांत क्षेत्र को देश का अंतिम गांव नहीं मान जा सकता।रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 19 जनवरी को सीमांत क्षेत्र जोशीमठ ढाक से बीआरओ द्वारा निर्मित 35 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए देश को समर्पित किया। इसमें सात राज्यों की 06 सड़कें और 29 ब्रिज शामिल है। परियोजनाओं को बीआरओ द्वारा 669.69 करोड़ की लागत पर पूरा किया गया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत रक्षामंत्री के साथ मौजूद रहे।

रक्षा मंत्री ने सात राज्यों की जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें जम्मू-कश्मीर में 01 सड़क व 10 ब्रिज, लद्वाख में 03 सड़के व 6 ब्रिज, हिमांचल प्रदेश में 01 ब्रिज, उत्तराखंड में 03 ब्रिज, सिक्किम में 02 सडकें, अरूणाचल प्रदेश में 08 ब्रिज तथा मिजोरम में 01 ब्रिज शामिल है। उत्तराखंड राज्य में भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशमठ-मलारी मार्ग पर ढाक ब्रिज एवं भापकुंड ब्रिज और सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर रिमखिम गाड ब्रिज को शिवालित परियोजना द्वारा 33.24 करोड़ लागत से तीनों ब्रिज बनाए गए है।
चमोली में बीआरओ की परियोजना का उ‌द्घाटन करते समय उन्होंने भी कहा कि सीमांत क्षेत्र भारत का चेहरा है। यह बफर जोन नहीं है। केंद्र सरकार इसे देश का मुख्य हिस्सा मानती है और इसके विकास को लेकर अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि एक समय था जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। पहले की सरकारें इस मानसिकता
के साथ काम करती थीं कि मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग ही मुख्यधारा के लोग है। उनका मानना था कि सीमांत क्षेत्र यदि विकसित होंगे तो दुश्मन देश को इसका लाभ मिलेगा। इसी संकीर्ण मानसिकता के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच सका। राजनाथ सिंह ने कहा कि ये सोच आज बदल गई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
मित्र देशों से लेंगे मदद
रक्षा मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम संबंधी घटना नहीं है।यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मुद्दा है। कहा कि रक्षा मंत्रालय इसे बहुत गंभीरता से ले रहा है। इस संबंध में मित्र देशों से भी सहयोग लिया जा रहा है।उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के विकाश को न्यू इंडिया का नया आत्मविश्वास बताया। कहा कि आज पहाड़ों पर बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही सुरक्षा को लेकर सेना भी तैनात की जा रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजनाथ सिंह का स्वागत किया और कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में तेजी से विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
Avatar

About Post Author

jantakikhabar

9897129437 गोपेश्वर चमोली ranjeetnnegi@gmail.com
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

22 जनवरी को प्रदेश में सभी स्कूल-कालेज रहेंगे बंद

देहरादून: प्रभु राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को प्रदेश में सभी स्कूल-कालेज बंद रहेंगे। इसके साथ ही सरकारी कार्यालयों में भी आधे दिन की छुट्टी घोषित की है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। अयोध्या में सोमवार को श्री रामजन्म […]

Subscribe US Now

Share