चमोली।बैकुंठ धाम बदरीनाथ में एक नवंबर को दीपावली उत्सव मनाया जाएगा। धाम को आठ क्विंटल रंग बिरंगे फूलों से सजाया जा रहा है। बदरीनाथ में सदियों से दीपावली उत्सव को खास तरीके से मनाया जाता है। बदरीनाथ धाम में बुधवार को दिनभर मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाने का काम चलता रहा। बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि बदरीनाथ धाम में सदियों से दीपावली उत्सव मनाने की परंपरा है।
इस दिन बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल लक्ष्मी मंदिर में मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही भगवान के खजाने की भी पूजा की जाती है।
स्थानीय निवासी सुधीर मेंहता ने बताया कि स्थानीय ग्रामीण दीपावली पर मंदिर परिसर में दीये जलाते हैं। महिलाएं भजन कीर्तन करती हैं और महालक्ष्मी की आरती की जाती है।बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल ने बताया कि दीपावली के लिए बदरीनाथ मंदिर फूलों से सज रहा है।
वहीं रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके तहत बीते मंगलवार को भगवान केदारनाथ के क्षेत्रपाल भुकुंड भैरव की पूजा-अर्चना भी बंद हो चुकी है। मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। धाम के कपाट शीतकाल के लिए आगामी तीन नवंबर को सुबह 8.30 बजे बंद कर दिए जाएंगे।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ मंदिर को 10 क्विंटल और बदरी नाथ में 8 कुंटल फूलों से सजाया गया है। महालक्ष्मी पूजन पर मंदिर परिसर में चारों तरफ दीपक जलाए जाएंगे।