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नेपाली मूल के लोगों ने भी किया अतिक्रमण, फिर बेच डाली जमीन
गोपेश्वर। चमोली जिले के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में अजब खेल चल रहा है। यहां घिंघराण मोटर मार्ग पर अनुसूचित जाति के लोगों को भूमिहीन होने के एवज में सरकार की ओर से भवन बनाने तथा काश्तकारी के लिए भूमि आवंटित की गई थी लेकिन अब वह भूमि स्टाम्प बनाकर बेची जा रही है जिस पर बाहरी लोगों की ओर से आलीशान भवनों का निर्माण कर दिया गया है। और भूमि बेचने वाले दूसरे स्थानों पर अतिक्रमण करने लगे है। यही नहीं नगर पालिका परिषद गोपेश्वर की ओर से अतिक्रमणकारियों के घरों पर पक्के रास्तों का निर्माण भी सरकारी खर्चे पर करवाया गया है यहां तक की लोनिवि की ओर से सड़क के किनारे सुरक्षा के लिए बनायी गई स्टील की दीवार के बीच-बीच में रास्ते छोड़े गये है।
चमोली जिले के विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण जारी है। प्रशासन की ओर से पूर्व में अतिक्रमण हटाये जाने के लिए मुहिम भी चलायी गई थी लेकिन एकाध जगह से अतिक्रमण हटाये जाने के बाद फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जिसके बाद फिर से अतिक्रमण शुरू हो गया है। यहां पर जिले के बाहर ही नहीं बल्कि नेपाली मूल के लोगों ने भी अतिक्र्रमण किया हुआ है और कुछ नेपाली मूल के लोगों की ओर से अतिक्रमण की गई भूमि को अन्य लोगों को बेच भी दिया गया है। यहां तक कि घिंघराण मोटर मार्ग पर पुलिस की ओर से एक शहीद स्मृति पार्क भी बनाया गया था वह भी अब अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया है। यहां तक कि अवैध निर्माण कर्ताओं को पानी, बिजली आदि के कनैक्शन में बिना किसी रूकावट और बिना भवन के नक्शा पास किये हुए मिल रहे है।
हालांकि प्रशासन की ओर से कुछ स्थानों से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है लेकिन जिन लोगों की ओर से लीज वाली भूमि पर स्टांप पेपर पर खरीद कर भवनों को निर्माण किया गया है उन पर अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लायी गई है।