चमोली जिले के नारायणबगड़ स्थित जीआईसी रैंस-चोपता का मामला, बीईओ ने मानी लापरवाही
चमोली।राइका रैंस- चोपता में प्री बोर्ड परीक्षा में इंटरमीडिएट और हाईस्कूल में अधिकांश छात्र-छात्राएं फेल हो गए। यहां 45 में से सिर्फ सात ही छात्र-छात्राएं पास हुए हैं। प्री बोर्ड का परीक्षा परिणाम न्यून रहने के कारण बीईओ ने प्रधानाचार्य सहित सभी विषय के 14 शिक्षकों के फरवरी माह का वेतन रोके जाने के निर्देश दिए हैं।ब्लॉक के जीआईसी चोपता में संपन्न हुए हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं की प्री बोर्ड परीक्षा के नतीजों ने शिक्षकों के अध्यापन कार्य के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैये की पोल खोल दी है।
“प्री-बोर्ड परीक्षा में ज्यादातर छात्र-छात्राओं के फेल होने से यह प्रतीत होता है कि विषयाध्यापकों की ओर से छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इससे उत्तराखंड परिषदीय परीक्षा के लिए सप्त-प्रतिशत विभागीय लक्ष्य के प्रभावित होने की आशंका बनती है”
अनिनाथ, खंड शिक्षा अधिकारी नारायणबगड़
जीआईसी रेंस चोपता में हाईस्कूल में 25 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं जिनमें प्री बोर्ड परीक्षा में 6 विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हुए हैं। जबकि 20 छात्र-छात्राएं इंटरमीडिएट में हैं जिनमें से मात्र एक ही छात्र उत्तीर्ण हुआ है और 19 छात्र-छात्राएं फेल हो गए। ब्लॉक के सभी माध्यमिक विद्यालयों के संस्थाध्यक्षों की ओर से प्री बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल बीईओ कार्यालय को उपलब्ध कराए गए हैं जिनमें सबसे दयनीय स्थिति जीआईसी रेंस चोपता की है।इससे नाराज ब्लॉक खंड शिक्षा अधिकारी अनिनाथ ने जीआईसी रैंस चोपता के प्रधानाचार्य समेत 14 शिक्षक-शिक्षिकाओं के फरवरी महीने के वेतन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं।