उचित कार्रवाई न होने पर क्षेत्रीय जनता ने दी आंदोलन की चेतावनी
गोपेश्वर (चमोली)। हादसे के प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिये जाने की मांग के साथ ही प्रभावित परिवारों के सदस्यों को नौकरी देने की मांग का एक ज्ञापन शुक्रवार को क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और परिजनों ने जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि 22 अगस्त तक इस पर उचित समाधान नहीं निकाला जाता है तो प्रभावितों के साथ क्षेत्रीय लोगों को आंदोलन के साथ न्यायालय की शरण में जाने को विवश होना पड़ेगा।
जिला पंचायत सदस्य विक्रम सिंह बत्र्वाल, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत सदस्य उषा रावत, दिगम्बर सिंह, विपिन फरस्वाण, सूर्या पुरोहित का कहना है कि बीते 19 जुलाई को चमोली कस्बे में नमामि गंगे परियोजना के प्लांट में करंट फैलने से 16 लोगों की जान चली गई थी जबकि 12 लोग घायल हो गये थे। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री 20 जुलाई को गोपेश्वर पहुंचे थे। स्थानीय लोगों ने उनसे मांग की थी कि मृतक के परिजनों को 25-25 लाख मुआवजा और एक को सरकारी नौकरी के साथ घायल को दस लाख का मुआवजा दिये जाने की मांग की थी। लेकिन वर्तमान तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस उदासीनता से लोगों में आक्रोश है बेवजह लोगों की मौत से लोग आहत है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की ओर से उनकी मांग पर गौर नहीं किया जाता है तो क्षेत्र की जनता को प्रभावित परिवारों के साथ आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा। उनका यह भी कहना है कि यह घटना कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है और न ही कोई दुर्घटना है यह सीधे-सीधे सिस्टम की ओर से मानव जनित अपराध है। जिसकी सजा 26 परिवारों को भुगतनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ही इस पर कार्रवाई नहीं होती है तो 22 अगस्त के बाद आंदोलन शुरू किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में विक्रम सिंह बत्र्वाल, उषा रावत, विपिन फरस्वाण, दिगम्बर सिंह, सूर्या पुरोहित, सुरेंद्र रावत, सुभाष खत्री, कुलदीप सिंह आदि मौजूद थे।