चमोली।राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में शुक्रवार को गंगा उत्सव कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया।
गंगा उत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्राचार्य प्रो. कुलदीप नेगी ने कहा कि आज हमें गंगा के साथ- साथ गंगा की सहायक नदियों और गांव के अंतर्गत तालाबों, खाल चाल को भी स्वच्छ करने की आवश्यकता है इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ वातावरण बनेगा और नदियां भी स्वच्छ होकर स्वच्छंद रूप से प्रभावित होती रहेंगी।कार्यक्रम में नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ भालचंद सिंह नेगी ने कहा कि गंगा उत्सव कार्यक्रम मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि आम जनमानस के मन में गंगा की महत्ता के प्रति जागरूकता का भाव उत्पन्न हो।महाविद्यालय में गंगा उत्सव कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की गई। जिसमें रंगोली में गंगा ग्रुप ने प्रथम, मंदाकिनी ने द्वितीय और मंदाकिनी ग्रुप ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
गंगा नदी नहीं संस्कार है विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में मंजेश नेगी ने प्रथम, मेघा ने द्वितीय और निधि ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।कविता प्रतियोगिता में रजनी जोशी ने प्रथम, निधि ने द्वितीय और प्राची ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।गंगा की स्वच्छता पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में मेघा ने प्रथम, प्राची ने द्वितीय और रश्मि ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।भारत की शान गंगा विषय पर आयोजित पेंटिंग एवं पोस्टर प्रतियोगिता में मेघा ने प्रथम, प्राची ने द्वितीय, भूपेंद्र सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।एकल गीत में पुरुषार्थ सैलानी ने प्रथम, रॉबिन ने द्वितीय और करीना ने तृतीय स्थान प्राप्त किया जबकि एकल नृत्य में पुरुषार्थ ने प्रथम, सोनम कंडारी ने द्वितीय और रजनी बिष्ट ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।सामूहिक नृत्य में रश्मि बिष्ट प्रथम, हेमंती बिष्ट ने द्वितीय और प्रीति और लक्ष्मी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।सामूहिक गीत में सौम्या ने प्रथम दरिया दयाल व ज्योति ने द्वितीय और पायल एवं चंद्रकला ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।इस अवसर पर डॉ दर्शन सिंह नेगी, डॉ विधि ध्यानी, डॉ मनीष डंगवाल, डॉ रंजू बिष्ट, डॉ एसएस रावत, डॉ भावना मेहरा, डॉ पूनम टाकुली, डॉ प्रियंका उनियाल, डॉ रचना टमटा, डॉ राजेंद्र बिष्ट, डॉ तुषार कंडारी, डॉ सुदीप्ता कंडारी, डॉ राजलोचन नैथानी, डॉ मनीष मिश्रा, डॉ दिगपाल कंडारी, डॉ रवि कुनियाल, डॉ सुनील भंडारी, डॉ एमके टमटा राजदीप लखेड़ा आदि उपस्थित रहे।