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देहरादून। उत्तराखंड ही नहीं देश के प्रख्यात ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल “दैवज्ञ” ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर मूर्ति स्थापना की समय चक्र कुंडली जारी की है। जिसे उनके द्वारा प्रधानमंत्री एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेजा दिया है।बताते दें कि उत्तर प्रदेश अयोध्या में भव्य राम मंदिर मूर्ति स्थापना कार्यक्रम के लिए उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल के लिए भी विशेष आमंत्रण इस संदर्भ में उनकी ज्योतिषीय सलाह जानने के लिए आया है,
पत्र का आदर करते हुए डॉक्टर दैवज्ञ ने उस विशेष मुहूर्त और समय की कुंडली जारी कर दी है, उनके द्वारा निर्धारित लग्न में यदि राम मंदिर मूर्ति स्थापना होती है, तो उसके शुभ प्रभाव से देश एवं प्रदेश सहित पूरे विश्व की खुशहाली होगी।संपर्क करने पर आमंत्रण की पुष्टि करते हुए डॉक्टर दैवज्ञ ने कहा कि बहुत बड़ा सौभाग्य है, कि वर्षों के संघर्ष के बाद सत्य सनातन धर्म की जीत हुई है, इसलिए इस अवसर का ज्योतिषीय सदुपयोग किया जाना परम आवश्यक है, क्योंकि” मनुष्य बड़ा नहीं होत है, समय होत बलवान” यदि वहां पर मूर्ति स्थापना “अभिजित मुहूर्त” में होती है, तो उस समय मेष लग्न रहेगा और लग्न में देवगुरु बृहस्पति विराजमान रहेंगे, दैत्य गुरु शुक्र भाग्य भाव में देवगुरु बृहस्पति के घर पर रहकर “देवराज इंद्र योग” बना रहे हैं।अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा “ज्योतिष सूर्य सम्मान” से सम्मानित शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद विश्लेषण करते हुए बताते हैं, कि मुहूर्तों में सर्वश्रेष्ठ अभिजीत मुहूर्त की इस लग्न कुंडली में मूर्ति स्थापना होने से एक तरफ सुखेश चंद्रमा अपनी उच्च राशि में होने से देश की जनता को तमाम तरह से सुखों की प्राप्ति होगी तो दूसरी तरफ बाहुबली का कारक राहु 12 भाव में होने से विदेशों में भी भारत का डंका बजेगा। ध्वज का कारक केतु छठे शत्रु स्थान में होने से जो भी इसका परोक्ष और अपरोक्ष विरोध करेगा उसका समूल नष्ट होना तय है।आचार्य डॉक्टर घिल्डियाल ने संवाददाता को बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या तो नहीं जा पा रहा हूं , लेकिन देहरादून में अपने निवास स्थान के पास धर्मपुर सुमन नगर के विशाल मंदिर प्रांगण में अपने अनुयायियों एवं स्थानीय जनता के साथ भव्य राम मंदिर निर्माण समारोह को अपने दिव्य प्रवचनों एवं भजन कीर्तनों के साथ मनाएंगे।
क्या होता है होता अभिजित मुहूर्त”
हिंदु सनातन धर्म में शुभ काम और मांगलिक कार्यों के सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त का विचार किया जाता है। उत्तराखंड के प्रख्यात ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल “दैवज्ञ” ने बताया कि अभिजित मुहूर्त में भगवान श्री राम का जन्म होने की वजह से यह बहुत की लोकप्रिय मुहूर्त है। भगवान श्री राम सूर्यवंशी थे और उनके जन्म के समय अभिजीत मुहूर्त था। वहीं गंगोत्री और यमुनोत्री तीर्थ धाम की कपाट खोलने की परंपरा भी अभिजित मुहूर्त है। ज्योतिष रत्न ने बताया कि अभिजित मुहूर्त दोषमुक्त होता है।इस लिए श्री राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा इस अभिजित मुहूर्त में होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि”अभिजित मुहूर्त” में होती है, तो उस समय मेष लग्न रहेगा और लग्न में देवगुरु बृहस्पति विराजमान रहेंगे, दैत्य गुरु शुक्र भाग्य भाव में देवगुरु बृहस्पति के घर पर रहकर “देवराज इंद्र योग” बना रहे हैं। साथ ही दशम में सूर्य होने से” गुरु सिंह योग” का भी निर्माण हो रहा है, जिससे इस मंदिर निर्माण से भारत की प्रतिष्ठा पूरे विश्व में होगी