5 शव बरामद, 400 का रेस्क्यू, केरल के 28 टूरिस्ट का अभी तक सुराग नहीं, सर्च ऑपरेशन जारी
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मलबे में दबी जिंदगियों को बचाने की चुनौती.
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उत्तरकाशी। धराली में कुदरती कहर के बीच सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला लिया है। जगह-जगह भूस्खलन से रास्ते बंद होने से कई अधिकारी घटनास्थल नहीं पहुंच पाए हैं। वहीं सेना के जवान फंसे ग्रामीणों तक रास्ता बनाने में जुटे हैं। धराली की तबाही के बाद सभी रास्ते बंद हो गए, मगर सेना और आईटीबीपी के जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। 25 फीट ऊंचे मलबे में फंसे ग्रामीणों तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है। राहत अभियान में सेना की पूरी ताकत झोंक दी गई है।
उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने के बाद हर तरफ मलबा, तबाही और चीखें ही सुनाई दे रही थीं, तब सेना लोगों के लिए उम्मीद बनकर सामने आई। आईटीबीपी और आर्मी के जवानों ने अस्थाई पुल बनाने शुरू कर दिये हैं, ताकि गांव में फंसे 200 से अधिक लोगों तक राहत पहुंचाई जा सके। उत्तरकाशी की आपदा में सेना और राहत दल दिन-रात डटे हुए हैं। मलबे में दबी जिंदगियों को बचाने के लिए सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ जैसे दल पूरी ताकत से मैदान में हैं। हर पल की निगरानी आपदा कंट्रोल रूम से की जा रही है। आईटीबीपी और आर्मी के जवान धराली में बीच गांव में फंसे ग्रामीणों तक पहुंचने के लिए वहां करीब 25 फीट ऊंचे मलबे में रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हर्षिल में राहत कार्यों को तेज करने के लिए और भी सेना की टीमें, खोजी कुत्ते, ड्रोन, और खुदाई करने वाली मशीनें भेजी गई है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से प्रभावित इलाकों धराली, हर्षिल और सुखी टॉप में सर्च ऑपरेशन जारी है। त्रासदी में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ आईटीबीपी और आर्मी बचाव कार्य में जुटी हैं। आईटीबीपी के प्रवक्ता कमलेश कमल ने बताया कि 500 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है।