देहरादून। वन मंत्री सुबोध उनियाल के आवास पर धरना देकर सरकार व भाजपा को असहज करने वाले भाजपा के पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल ने प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद मीडिया के सामने मंगलवार के घटनाक्रम को लेकर खेद जताया है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर मंत्री से मिले थे। तकनीकी बिंदुओं पर गलतफहमी के कारण यह पूरा प्रकरण हुआ। दोनों की मंशा जनकल्याण की है। दोनों पार्टी के अनुशासन से भी जुड़े हैं। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत के बाद सभी विषयों पर स्थिति स्पष्ट हो गई है। उधर, पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि भाजपा ने सभी मंत्रियों, विधायकों व जनप्रतिनिधियों से विकास कार्यों की पैरवी में संयम व अनुशासन बरतने का आग्रह किया है। वहीं, कल के घटनाक्रम को लेकर को लेकर मंत्री व विधायक ने पार्टी नेतृत्व से खेद प्रकट किया है। विधायकों का जन सरोकारों से जुड़े विषयों को लेकर मंत्रियों व उच्च अधिकारियों से मिलना सामान्य बात है। क्षेत्र के विकास व जनता के मुद्दों को लेकर जनप्रतिनिधियों के बीच चर्चा व बहस होना स्वस्थ लोकतंत्र का परिचायक है।
दुर्गेश्वर लाल, सुबोध उनियाल मामले की होगी जांच
वन मंत्री सुबोध उनियाल व पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल के बीच हुए विवाद की जांच होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दोनों को साथ बिठाकर मनमुटाव दूर कराया। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल ने टौंस व गोविंद वन्यजीव विहार के डीएफओ के अटैचमेंट को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल के सरकारी आवास पर धरना दिया था। उन्होंने मंत्री पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया था। मामले में विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि मेरा विधानसभा क्षेत्र सीमंतवर्ती क्षेत्र है, यहां के डीएफओ के तानाशाही रवैये के कारण उन्होंने मंत्री से भेंट की थी