चमोली : पलायन आयोग ने पर्यावरण संरक्षण एवं महिला सशक्तिकरण के लिए 20 वर्षों से निरंतर कार्य कर रही उत्तराखंड महिला ट्रेनर लक्ष्मी रावत को किया सम्मानित।
ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग ने पौड़ी में आयोजित दो दिवसीय स्वरोजगार कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण व महिला सशक्तिकरण के लिए 20 वर्षों से कार्य कर रही लक्ष्मी रावत को किया सम्मानित।
कौन है लक्ष्मी रावत
उत्तराखंड चमोली जिले के नंदप्रयाग थिरपाक गांव की रहने वाली लक्ष्मी रावत चिपको आंदोलन की धरती पर 20 सालों में 50 हजार से अधिक वृक्षारोपण कर चर्चा में आई उत्तराखंड की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है। लक्ष्मी रावत अब तक 500 स्वयं सहायता समूह बनाकर 150 ग्राम संगठनों के जरिए 5 हजार महिलाओं को स्वावलंबन बनाने का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। 2018 में पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्हें गौरा देवी सम्मान प्राप्त हुआ है। महिलाओं को प्रशिक्षण के लिए लक्ष्मी रावत को उत्तराखंड सरकार द्वारा हरियाणा में भी भेजा गया। जहां उन्होंने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सैकड़ों महिलाओं को प्रशिक्षित किया। उत्तराखंड के दस से अधिक जिलों में महिला सशक्तिकरण के लिए महिला समूहों को प्रशिक्षण दे चुकी हैं। उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए वन विभाग और अन्य दर्जनों जगहों से उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।