गोपेश्वर।गैरसैंण ब्लाक में सारकोट गांव को मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम बनाने की कवायद शुरू हो गई है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने सोमवार को समस्त विभागों की बैठक लेते हुए सारकोट गांव को आदर्श ग्राम बनाने हेतु सुनियोजित तरीके से विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी अधिकारी सारकोट गांव का विजिट करते हुए शीघ्र विभागीय कार्ययोजना बनाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट में वैयक्तिक, सामाजिक, आर्थिक और मानव विकास के लिए योजनाएं तैयार की जाए। आदर्श ग्राम सारकोट में सभी बुनियादी सुविधाएं और सेवाओं के साथ सभी पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा से आच्छादित किया जाए। आदर्श ग्राम सारकोट में आंगनबाडी भवन, पंचायत भवन एवं प्राथमिक विद्यालय की मरम्मत, सुदृढ़ीकरण और रंगरोगन के साथ विद्यालय में स्मार्ट क्लास संचालन के लिए प्रस्ताव तैयार करें। सैनिक बहुल्य गांव सारकोट में पूर्व सैनिकों को सभी सुविधाएं मुहैया की जाए। गांव में सामाजिक पेंशन से शत प्रतिशत लोगों को आच्छादित किया जाए। पर्यटन विभाग को गांव में लोगों को होम स्टे का पंजीकरण कराने और उरेडा को गांव में सोलर लाइट लगाने के निर्देश दिए।
कृषि, उद्यान एवं सिंचाई विभाग को गांव सिंचाई नहरों की मरम्मत, सिंचाई टैंक, चेन लिंक फेंसिंग, स्वयं सहायता समूहों को फार्म मशीनरी बैंक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। डेयरी और पशुपालन विभाग को गांव में किसानों को बकरी पालन व दुग्ध उत्पादन से जोड़कर किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ बनाने के लिए मिलकर काम करने को कहा। पूर्ति विभाग को गांव में शत प्रतिशत लोगों के राशन कार्ड बनाने, गैस कनेक्शन देने और पात्र लाभार्थियों को उज्ज्वला कनेक्शन वितरण करने और पंचायत विभाग को गांव में मनरेगा से रास्तों का सुधारीकरण और सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा। जल निगम और जल संस्थान को गांव में सभी परिवारों को हर घर जल संयोजन सुनिश्चित करने को कहा। स्वास्थ्य विभाग को गांव में शिविर लगाकर शत प्रतिशत आयुष्मान एवं दिव्यांग कार्ड बनाने के साथ ही सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए।
बैठक में परियोजना निदेशक आनंद सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 अभिषेक गुप्ता, मुख्य शिक्षा अधिकारी धर्म सिंह, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सुबोध शुक्ल, सहायक परियोजना अधिकारी केके पंत, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल सहित समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।