भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की नजर टिकी थी रेस्क्यू ऑपरेशन पर
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। उत्तराखंड सुंरग में फंसे श्रमिकों को निकालने का दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू व विकट था। भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार ने तेजी से सिलक्यारा ऑपरेशन को रिकॉर्ड समय में पूरा किया है। बता दें कि चिली में 2010 में खदान ढहने से दबे 33 मजदूरों को 69 दिन वही थाईलैंड में जून 2018 में सुरंग में फंसे 13 लोगों को तीन देशों ने ऑपरेशन चलाकर 18 दिन लगाए थे। दुनिया के इन बड़े भूमिगत ऑपरेशन की तुलना में उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के सिलक्यारा सुरंग ऑपरेशन बड़ा और चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद सफलतापूर्वक कम समय में पूरा किया गया है।
सिलक्यारा सुरंग हादसा के बाद न केवल भारत बल्कि दुनिया की नजर रेस्क्यू ऑपरेशन पर थी। खासकर दुनियाभर में सुरंग और भूमिगत से जुड़े बड़े ऑपरेशन में अब तक दक्षिण अमेरिका के चिली देश में अगस्त 2010 में खदान ढहने से फंसे 33 मजदूरों का रेस्क्यू 5 अगस्त से 13 अक्टूबर तक पूरे 69 दिन चला है। हालांकि ऑपरेशन में श्रमिकों को बचा लिया था। जबकि इस ऑपरेशन में कई देशों ने आधुनिक मशीनों से काम किया है। इसी तरह 2018 में थाईलैंड की खुली सुरंग में फंसे 12 फुटबाल खेलने वाले बच्चे और उनके कोच का रेस्क्यू ऑपरेशन है। यह ऑपरेशन 23 जून 2018 से 8 जुलाई 2018 तक यानी 18 दिन चला। वहां खुली सुरंग में करीब 10 किमी तक घूमने गए बच्चे और कोच भारी बारिश का पानी भरने से फंस गए थे। इस रेस्क्यू में शक्तिशाली देश अमेरिका, ब्रिटिश, थाइलैंड की नौसेना, पुलिस समेत अन्य एजेंसियों ने रेस्क्यू चलाया था। लेकिन 18 दिन की मशक्कत के बाद सफलता मिली थी। ऑपरेशन के दौरान के टीम के एक सदस्य की मौत भी हुई थी। लेकिन सिलक्यारा रेस्क्यू दुनिया के इन बड़े ऑपरेशन से अलग है। यहां 41 मजदूर बंद सुरंग में फंसे। कोई रास्ता न होने पर भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार ने दिन रात एक कर 17 दिन में सुरक्षित बाहर निकाल दिए। इस रेस्क्यू पर सभी की नजरें थी। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने जिस सूझबूझ से ऑपरेशन को चलाया, उससे थाईलैंड और चिली के रेस्क्यू से पहले रिकॉर्ड सफलता मिली है। जबकि कठिन और चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद रेस्क्यू को समय पर पूरा कर सरकार ने रिकॉर्ड बनाया है।