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चमोली।चमोली जिले में एक बार फिर मौसम के करवट लेने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने लगी है। मौसम के करवट लेने से आने वाले दिनों में हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है।
इससे तुंगनाथ चोपता व जोशीमठ औली व उच्च हिमालय वाले छेत्रो में यदि मौसम के अनुकूल बर्फबारी हुई तो पर्यटन में इजाफा हो सकता है। हिमालयी क्षेत्रों में बादल छाने तथा निचले क्षेत्रों में सर्द हवाएं चलने से तापमान में तेज गिरावट आ रही है। इससे आने वाले दिनों में जोशीमठ, बद्रीनाथ,हेमकुंड,चेनाप घाटी,चोपता,उर्गाम घाटी,निजमुला घाटी के पाना ईरानी का भूभाग बर्फबारी से आच्छादित हो सकता है। हिमालयी क्षेत्रों में मौसम के अनुकूल बर्फबारी होने से प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार होने के साथ प्राकृतिक जल स्रोतों के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है।काश्तकार निजमुला घाटी के बीरेंद्र सिंह कठैत जिला सयोजक नीती एवम अनुसंधान किसान मोर्चा चमोली ने बताया कि जिले के निचले इलाकों में मौसम के अनुकूल बारिश हुई तो काश्तकारों की गेहूं, जौ, सरसों व मटर इत्यादि की फसलों को पर्याप्त मात्रा में नमी मिलन से उत्पादन में वृद्धि की संभावना है।
बारिश रबी की फसल के लिए बारिश वरदान साबित होगी। पीपलकोटी के भाजपा मंडल अध्यक्ष बीरेंद्र फरस्वान ने बताया कि निजमुला घाटी में मौसम के करवट लेने से तापमान में गिरावट महसूस होने लगी है। तथा हिमालयी क्षेत्रों में बादल छाने से बर्फबारी के आसार बन रहे हैं।उन्होंने बताया कि निचले क्षेत्रों में एक सप्ताह पूर्व हल्की बारिश हुई थी। फसलों को आवश्यकता के अनुकूल नमी न मिलने के कारण फसलों का उत्पादन प्रभावित होने लगा है।