नंदा के लोकोत्सव में डूबा पहाड!- पारम्परिक लोकगीतों के संग बंड के ग्रामीण मां नंदा को कर रहे हैं विदा…

jantakikhabar
2 0
Read Time:4 Minute, 10 Second

 

मुख्य विकास अधिकारी और परियोजना निदेशक ने भी किए मां नंदा की डोली के दर्शन, बंड विकास संगठन ने भेंट की रिंगाल की छंतोल

नरेला बुग्याल में संपन्न होती है, बंड नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा

चमोली।भलि केन जाया गौरा तू अपणा कैलाश, हेरि चैजा फेरि चैजा तु मैत कु मुल्क, जशीलि ध्याण तू जशीलि व्हे रेई, अपणा मैत्यों पर छत्र-छाया बणाई रेई..जैसे पारम्परिक लोकगीतों और जागरों के जरिए बंड पट्टी के ग्रामीणों ने आज बंड नंदा की डोली को अगले पडाव के लिए विदा किया। नंदा को विदा करते समय महिलाओं और ध्याणियों की आंखों से अवरिल अश्रुओं की धारा बहनें लगी। कई ध्याणी तो फफक कर रोने लगे।रविवार को बंड नंदा की डोली पीपलकोटी मुख्य बाजार से रात्रि विश्राम के लिए नौरख गांव के लिए रवाना हुई। जहां ग्रामीणों ने नंदा की डोली व छंतोली का भव्य स्वागत किया। कल डोली नौराख से अपने अगले पड़ाव के लिए मल्ला अगथला के लिए प्रस्थान करेगी।

भेंट की रिंगाल की छंतोली..

बंड विकास संगठन ने मुख्य विकास अधिकारी और परियोजना निदेशक को रिंगाल ग्रोथ सेंटर के हस्तसिल्पियों द्वारा बनाई गई रिंगाल की छंतोली भेंट की। रिंगाल की छंतोली को देख दोनो अधिकारी आश्चर्यचकित रह गए। इस अवसर पर बंड विकास संगठन के अध्यक्ष देवेंद्र नेगी, पूर्व अध्यक्ष शंभू प्रसाद सती, अतुल शाह, अयोध्या प्रसाद हटवाल, सहित कई ग्रामीण और श्रद्धालु उपस्थित थे।

लोक में विख्यात है बंड की नंदा की नरेला बुग्याल की वार्षिक लोकजात यात्रा

वार्षिक लोकजात में कुरूड से चली बंड- नंदा की डोली और रिंगाल की छंतोली बंड पट्टी के गांव पहुंचती है। सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में नंदा के जयकारों और जागरों के साथ ग्रामीण माँ नंदा को रोते विलखते विदा करते हैं, साथ ही मां नंदा को समौण के रूप में खाजा, चूडा, बिंदी, चूडी, सहित ककड़ी, मुंगरी भेंट करते हैं। महिलाएँ नंदा के पौराणिक जागर गाकर नंदा को विदा करती हैं। नरेला बुग्याल में नंदा सप्तमी के दिन छंतोली की पूजा अर्चना कर, नंदा को कैलाश की ओर विदा कर लोकजात वापसी का रास्ता पकडती है।

ये है बंड की नंदा डोली और छंतोली का कार्यक्रम!

1 सितंबर पीपलकोटी से नौरख
2 सितंबर नौरख से मल्ला अगथल्ला
3 सितंबर मल्ला अग्थल्ला से नंदा देवी (नंदोई) मंदिर, रैतोली
4 सितंबर रैतोली से कम्यार
5 सितंबर कम्यार से तल्ला किरुली
6 तल्ला किरूली से भूमियाल मंदिर कोंटा, मल्ला किरूली
7 -बंड़ भूमियाल मंदिर से गौणा गांव
8 गौणा गांव से गौना डांडा
9 गौणा डांडा से पंचगंगा
10 पंचगंगा से नरेला बुग्याल में नंदा सप्तमी के दिन माँ नंदा की पूजा अर्चना कर हिमालय को विदा कर वापस..

Avatar

About Post Author

jantakikhabar

9897129437 गोपेश्वर चमोली ranjeetnnegi@gmail.com
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नाबालिक युवती से छेड़छाड़ के मामले में आक्रोशित लोगों ने किया प्रदर्शन

नन्दा नगर में समुदाय विशेष के द्वारा नाबालिक से छेड़ छाड़ का मामला,स्थानीय लोगों ने आक्रोशित होकर किया थाने का घेराव चमोली।नन्दानगर में एक नाबालिक युवती से छेड़छाड़ के मामले में स्थानीय लोगों ने आक्रोशित होकर प्रदर्शन किया। आरोपी एक विशेष समुदाय का युवक है, जो नाई का काम करता […]

You May Like

Subscribe US Now

Share