पीपलकोटी। विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना पीपलकोटी 444 मेगावाट निर्माणाधीन परियोजना के बनने से पहले ही कही गांव उजड़ने लगे हैं। पल्ला के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर टीएचडीसी के टनल निर्माण को भू-धंसाव का कारण बताते हुए विस्थापन की मांग की।
टीएचडीसी की विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना से लगभग 22 गांव प्रभावित हैं। जिसमें हाट गांव को डंपिंग जोन के नाम पर उजाड़ दिया गया है। ग्रामीणों के आंदोलन के बाद जिस पर हाईकोर्ट की रोक लगी है। दूसरी ओर टीएचडीसी के तेंदुली – गुनियाला सड़क निर्माण से हुए भूस्खलन से मठ गांव खतरे में है। यहां 15 से अधिक परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। वर्ष 2023 में भारी बारिश के बाद भूस्खलन घर के आंगन तक पहुंच गया है। खतरे को देखते हुए पांच परिवारों को दूसरे घरों में शरण लेनी पड़ी। भूस्खलन का दायरा लगातार बढ़ रहा है।
मानसून सीजन में हुई भारी बारिश में लोगों द्वारा रतजगा किया गया। प्रभावित परिवार कुलदीप नेगी ने बताया कि कंपनी के सड़क निर्माण से हुए भूस्खलन से पूरा मठ गांव खतरे की जद में है। साथ ही गांव का पौराणिक पानी का धारा भी सूख गया है। बावजूद कंपनी द्वारा ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही विस्थापन को लेकर कंपनी के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
वहीं पिछले सप्ताह ज्योर्तिमठ विकास के अंबेडकर गांव पल्ला में भू-धंसाव होने से 30 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। लोगों की जिंदगी भर की कमाई उनके आंखों के सामने देखते ही देखते जमींदोज हो गई हैं। ग्रामीण प्रशासन द्वारा दिए गए टैंटों में रात गुजारने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विष्णु गाड़ जल विद्युत परियोजना के टनल निर्माण में हो रहे भारी विस्फोट से गांव में भू-धंसाव हुआ है। ग्रामीणों ने टीएचडीसी से विस्थापन की मांग की है। शनिवार को ग्रामीणों ने जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी को ज्ञापन सौंप कर भू-धंसाव के लिए टीएचडीसी को जिम्मेदार ठहराते हुए विस्थापन की मांग की गई।
ज्ञापन देने वालों में पल्ला जखोला के प्रधान लक्ष्मी देवी,वन पंचायत सरपंच उमा देवी,लंगसी के प्रधान विनोद भंडारी,जखोला के क्षेत्र पंचायत सदस्य मुकेश सेमवाल, दर्शन लाल, प्रेमलाल, जिला पंचायत सदस्य रमा राणा, भाकपा माले के गढ़वाल सचिव अतुल सती सहित अन्य उपस्थित रहे थे।