चमोली।राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर में रामधारी सिंह दिनकर जी की जयंती पर बीएड विभाग में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर, मध्य प्रदेश के शिक्षा संकाय के सहायक आचार्य डॉ रजनीश अग्रहरि जी उपस्थित रहे । डॉ रजनीश ने शिक्षा और साहित्य के अंतर्संबंधों पर प्रकाश डाला एवं साथ ही रामधारी सिंह दिनकर जी की कुछ प्रमुख रचनाओं का प्रसंग भी बीएड के छात्र छात्राओं को बताया। जिसमें उन्होंने रश्मिरथी, परशुराम की प्रतिज्ञा, उर्वशी और कुरुक्षेत्र जैसी प्रमुख रचनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला । कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रोफेसर अमित कुमार जायसवाल जी द्वारा छात्र छात्राओं के सम्मुख रश्मिरथी कविता पाठ का वाचन किया गया और छात्र छात्राओं को कृष्ण-कर्ण संवाद का सूक्ष्म एवं गहन विवेचन छात्रों के सम्मुख रखा गया । इस अवसर पर विभाग प्रभारी प्रो चंद्रावती जोशी द्वारा रामधारी सिंह दिनकर द्वारा की गई जन सेवा के विषय से छात्रों को अवगत करवाया । डॉ चंद्रेश जोगेला द्वारा छात्रों को संबोधित किया गया कि रामधारी सिंह दिनकर जी की कविताओं में झंकार भी है और हुंकार भी , ओज भी है और तेज भी, आग भी है और राग भी, क्रोध भी है और बोध भी, इसके पश्चात् डॉ अखिलेश कुकरेती द्वारा मुख्य अतिथि व सभी प्राध्यापकों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर विभाग में डॉ अखिल चमोली, डॉ ममता असवाल, डॉ हिमांशु बहुगुणा , डॉ सरिता पंवार, डॉ श्याम लाल बटियाटा, डॉ कुलदीप सिंह नेगी व डॉ विधि ढौंढियाल सहित बी एड प्रथम वर्ष और नव प्रवेशी प्रथम वर्ष के समस्त प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे ।