गोपेश्वर।सुविधाओं के इस युग में सड़क और स्वास्थ्य सेवाएं चमोली जिले के गैरसैंण विकासखंड के सेरा तेवा खर्क के लोगों के लिए सपने जैसी बनी हैं। स्थिति यह है कि यह गांव सड़क मार्ग से छह किमी दूर है। ऐसे में बीमारी के दौरान मरीज को डंडी-कंडी से मुख्य सड़क तक लाना आम बात हो गया है। ऐसा ही एक मामला सामने आया जब वर्षा में दुश्वारियों के बीच एक बीमार महिला शांति देवी की तबीयत बिगड़ी तो ग्रामीण उसे छह किमी पैदल सड़क मार्ग तक मालकोट लाए। यहां से मरीज को वाहन से हल्द्वानी मेडिकल कालेज ले जाया गया।
गैरसैंण का सेरा तेवाखर्क गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। गांव की 54 वर्षीय शांति देवी को पेट दर्द, बदन दर्द के साथ तेज बुखार हो गया। वह चलने में समर्थ नहीं थी। इस पर ग्रामीणों ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग से मिली डंडी-कंडी के सहारे बीमार महिला को छह किमी पैदल चलकर सड़क मार्ग तक पहुंचाया। गांव का पैदल रास्ता मालकोट से जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि छह किमी विकासखंड गैरसैंण का सेरा तेवाखर्क गांव से बीमा महिला को डंडी कंडी की पालकी बनाकर सड़क मार्ग तक लाते ग्रामीण तक मरीज को डंडी में लाने के दौरान 15 से अधिक ग्रामीणों की मदद ली गई। साथ ही छह किमी सफर तय करने के लिए तीन घंटे से अधिक का समय लगा। गांव के हुकम सिंह बिष्ट ने कहा कि गैरसैंण में चिकित्सकों की कमी है, लिहाजा ग्रामीणों ने गंभीर बीमार महिला को मालकोट सड़क मार्ग से हल्द्वानी भेजा है। बीमार महिला को सड़क तक लाने में दयाल सिंह, अवतार सिंह, बचन सिंह, सोबन सिंह, खीम सिंह, मदन सिंह, भरत सिंह आदि शामिल रहे। निवर्तमान ग्राम प्रधान हेमा बिष्ट ने बताया कि गांव के लिए 2021 में तीन किमी सड़क स्वीकृत हुई थी। इसके निर्माण की जिम्मेदारी लोनिवि गैरसैंण को सौंपी थी। लोनिवि ने सड़क कटिंग का कार्य शुरू किया, लेकिन इसे पूरा नहीं किया। दिक्कत यह है कि रामगंगा नदी पर मालकोट में 48 मीटर स्पान का पुल बनना है। इसके लिए वित्तीय स्वीकृत नहीं मिली है, जिस कारण इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।