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सिलक्यारा पहुंचे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, राहत एवं बचाव कार्य का लिया जायजा,
कहा केंद्रीय एजेंसियों को हर तरह का सहयोग दें : धामी
चिरंजीवी सेमवाल
उत्तरकाशी। नई एडवांस ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम जारी है, लेकिन अभी तक केवल डेढ़ पाइप ही मलबे में डाला जा सका है। यहां पाइपों की वेल्डिंग में एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। वहीं इस कार्य में एलाइनमेंट का भी विशेष ध्यान रखना पड़ रहा है। सुरंग में करीब 70 मीटर तक मलबा पसरा हुआ है। इसे देखकर रेस्क्यू कार्य में एक से दो दिन का समय और लगने की संभावना है। हालांकि अंदर फंसे सभी 40 मजदूर सुरक्षित हैं। एनएच आई डी सी एल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें खाने और ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।
सिलक्यारा में मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सुरंग में आए मलबे में जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के जरिए पहला पाइप डाला जा चुका है। जिसके बाद अब ड्रिलिंग का काम लगातार जारी है। सुरंग दुर्घटनास्थल पर चल रहे बचाव अभियान पर सीएम धामी ने कहा कि मशीन इंस्टॉल हो गई है और वहां काम शुरू हो गया है। सभी एक-दूसरे के समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। स्थिति थोड़ी कठिन है। सभी लोगों से लगातार संपर्क हो रहा है और उनके लिए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सभी लोग सुरक्षित हैं।
राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन पुरानी मशीन से काफी एडवांस है, जो काफी स्पीड में काम करेगी। राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी शामिल हो गई है। इसके साथ वायुसेना, थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही है।सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के बाद अब एनएचआईडीसीएल की ओर से अब वीडियो रिकॉडिंग करवाई जा रही है। जिसमें रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ सुरंग में पल- पल के हालत पर नजर रखी जा रही है। कंपनी से जुड़े एक कर्मी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस काम के लिए दो लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। टनल में एक वीडीयो कैमरो चौबीसों घंटे पल-पल के हालत और रेस्क्यू ऑपरेशन पर भी नजर रखेगा
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में रविवार को भूस्खलन के बाद फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए मंगलवार रात को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ऑगर मशीन में तकनीक खराबी आने के बाद बुधवार को नई दिल्ली से नई मशीन मंगवाई गई वायुसेना के दो हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर मशीन के पार्ट्स की खेप पहुंची। वहीं, देर रात मशीन के आखिरी व महत्वपूर्ण पार्ट को सिलक्यारा साइट पर पहुंचाया गया। जिसके बाद सुबह से मशीन के इंस्टालेशन व ट्रायल की तैयारियां जोरों पर हैं।