चमोली।उत्तराखंड में हाईकोर्ट के हरी झंडी के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने भी नई अधिसूचना जारी कर चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिले में कही सीटों पर लगातार आरक्षण के चलते भाजपा – कांग्रेस को जिताऊ उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में कही वार्डों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने ही मजबूती से अपनी ताल ठोंकी है।
उत्तराखंड में हाईकोर्ट के हरी झंडी के बाद चुनाव आयोग ने प्रदेश के हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष 12 जिलों में नई अधिसूचना जारी कर चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है। आज बुधवार से सभी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई हैं जो पांच जुलाई तक चलेगा। जिले की कभी होट सीट रही जिला पंचायत सैंजी वार्ड से भाजपा – कांग्रेस को अभी तक कोई जिताऊ प्रत्याशी नहीं मिला है। जिसके चलते भाजपा – कांग्रेस इस सीट पर अभी भी न्यूट्रल बनी हुई है। इस जिला पंचायत सीट पर निजमुला घाटी का अधिक वर्चस्व रहा है। सबसे पहले भाजपा से निजमुला के सुलभ सिंह,घाटी की लाटी कहे जाने वाली जिला पंचायत सदस्य गणेशी देवी,पूर्व में सामान्य सीट पर घाटी के गजेन्द्र रावत, फिर बंड क्षेत्र के देवेन्द्र नेगी और पिछले बार एसटी सीट पर दीपा देवी सदस्य रही हैं।
इस बार सामान्य सीट पर भाजपा से एक अनार सौ बीमार की स्थिति बनी हुई थी। जिसके लिए भाजपा से निवर्तमान ईराणी प्रधान मोहन नेगी, भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी व हाट के प्रधान राजेंद्र हटवाल, मठ – झडेता के प्रधान संजय राणा, पूर्व प्रधान सैंजी सुंदर सिंह फर्स्वाण,गौरव फर्स्वाण सहित अन्य दिग्गज नेता तैयारी कर रहे थे।
लेकिन ऐन वक्त पर सीट एससी महिला आरक्षित होने पर सभी के जिला पंचायत सदस्य बनने के सपनों पर पानी फिर गया है। वहीं कांग्रेस से भी कही नेता तैयारियों में जुटे थे। अब आरक्षित सीट पर भाजपा – कांग्रेस को कोई दमदार जिताऊ प्रत्याशी नहीं मिल रहा है। ऐसे में भाजपा – कांग्रेस फिलहाल न्यूट्रल दिखाई दे रही है। जिला पंचायत सदस्य सैंजी वार्ड 03 से अभी तक चार निर्दलीय प्रत्याशीयों ने ताल ठोकी है। आशा देवी, दीक्षा सैंजवाल, गौरी देवी और कुमारी संतोषी, जिनमें से तीन घाटी से उम्मीदवार हैं और एक खैनुरी से है। जबकि बंड और मठ – बेमरू क्षेत्र से किसी भी प्रत्याशी ने चुनाव लडने का साहस नहीं दिखाया है। ऐसे में निजमुला घाटी और खैनुरी प्रत्याशी कुमारी संतोषी के बीच सीधा मुकाबला होना तय है। जिसमें बंड व मठ – बेमरू क्षेत्र के वोटर निर्णायक होंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस प्रत्याशी पर अपना भरोसा जताती है।