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रणजीत नेगी।
चमोली। नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। श्री नंदा देवी राजराजेश्वरी मंदिर कमेटी (परगना नन्दाक बधाण) द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार इस बार राजराजेश्वरी नंदा देवी की लोकजात यात्रा 16 अगस्त से 30 अगस्त तक आयोजित होगी। 16 अगस्त को राज राजेश्वरी की डोली कुरूड धाम मंदिर से हिमालय को प्रस्थान करेगी। 14 अगस्त से 16 अगस्त तक कुरूड धाम में तीन दिवसीय नंदा मेला का भी आयोजन किया जायेगा।
हर साल सीमांत जनपद चमोली में भादो के महीने मां नंदा की वार्षिक लोकजात का आयोजन होता है। वार्षिक लोकजात कई मायनों में 12 बरसों में आयोजित होने वाली नंदा देवी राजजात से भी ज्यादा विस्तारित है। जनपद चमोली के 7 विकासखंडों और अलकनंदा, मन्दाकिनी, पिंडर घाटी के 800 से अधिक गांवो में नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा के दौरान लोकोत्सव का उल्लास रहता है, चारों ओर माँ नंदा के जयकारे गुंजयमान होते है। इस दौरान गांवों में भारी चहल पहल रहती है, वहीं ध्याणियां भी मां नंदा से मिलने अपने अपने मायके पहुंच जाती है। नंदा की वार्षिक लोकजात जिसमें बंड नंदा डोली की लोकजात कुरूड से चलकर नरेला बुग्याल, नंदा दशोली डोली की लोकजात कुरूड से चलकर बालपाटा, राजराजेश्वरी की डोली कुरूड से चलकर बेदनी बुग्याल में नंदा सप्तमी के दिन तर्पण पूजा के बाद सम्पन्न होती है।
नंदा राजराजेश्वरी बधाण की डोली की वार्षिक लोकजात यात्रा 2025 का ये है कार्यक्रम!
14 से 16 अगस्त तक कुरूड धाम में तीन दिवसीय मेला का आयोजन
16 अगस्त को डोली कुरुड़ से चरबंग.
17- सितम्बर को चरबंग से मथकोट.
18- मथकोट से उस्तोली
19- उस्तोली से भेंटी
20- भेंटी से गेरुड
21- गेरुड से डुंग्री
22- डुग्रीं से सूना
23- सूना से चेपडो़
24- चेपडो से धारतल्ला
25 – धारतल्ला से बेराधार
26- बेराधार से फल्दियागांव
27- फल्दिया गॉव से मुन्दोली
28- मुन्दोली से वाण
29- वाण से गेरोली पातल
30- गेरोली से वेदनी बुग्याल
जहाँ नंदा सप्तमी के दिन वेदनी कुंड में तर्पण और माँ नंदा की पूजा के बाद मां नंदा को हिमालय के लिए विदा करते हैं। बेदनी के बाद नंदा की डोली रात्री विश्राम को बांक गाँव पहुंचेगी।
31 – बांक से ल्वाणी.
1 सितंबर -ल्वाणी से उंलग्रा.
2 सितम्बर- उंलग्रा से पूर्णा
3- पूर्णा से जौला
4- जौला से बिजेपुर
5- बिजेपुर- बैनोली
6 सितम्बर को बैनोली से सिद्ध पीठ देवराडा मे बधाण की नंदा राजराजेश्वरी की डोली अगले 6 महिने के लिये स्थापित होगी फिर उतरायन मे देवी अपने मायके नंदा धाम कुरूड़ हेतु प्रस्थान करेगी।